success life in hindi - success in life in hindi top 10

Saturday 12 May 2018

success life in hindi



आलस्य छोड़िये -परिश्रमी बनिये 

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पाप उन  दुष्प्रवृत्तियो   को कहते हैं जिसके कारण व्यक्ति का भविस्य बिगड़ता हैं और समाज का अधः पतन होता हैं। चोरी ,डकैती ,बेईमानी ,हत्या आदि कर्मों को इसिलिए पाप माना गाया हैं कि उनका आचरण करने वाला आत्मिक दृस्टि से गिरता हैं ,कुसंस्कारी बनता हैं ,उसके स्वभाव मे दुस्टता एवम अनैतिकता का प्रवेश होता है 

आलस्य वनाम दारिद्र्य   _ दारिद्र्य और कुछ नहीं मनुष्य के शारीरिक और मानसिक आलस्य का ही प्रतिफल है।  जिस समुचित उपयोग नहीं होता वह अपनी विशेस्ता खो बैठती है। सील मे पड़े हुए लोहे को जंग लग जाती है और उसीसे वह गलत चला जाता है। खूंटे से बाधा हुआ घोरा अड़ियल हो जाता है ,जिन पछियो को उड़ने का अवसर नहीं मिलता वे अंततः उड़ने की शक्ति ही खो बैठते हैं।  पान के पत्वो की हेरा -फेरी न की जाय तो जल्दी ही सड़ जाते है। यही स्थिति मनुस्य के शरीर की भी है,,यदि उसे परिश्रम से वंचित रहना पड़े तो अपनी प्रतिभा ,स्फुर्ति एवम तेजस्विता ही नहीं खो बैठता प्रत्युत अवसाद ग्रस्त होकर रोगी भी रहने लगता है। 

   Image result for LAZY MANजिन्होने कठोर श्रम के द्वारा अपनी जीवन शक्ति को प्रखर और प्रचुर बनाया है वे शरीर पर होने वाले किसी भी बाहा आक्रामर का प्रतिरोध करते हुए जल्दी ही रोगमुक्त हो जाते है  

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